रक्षक (भाग : 22)
रक्षक भाग : 22
खण्ड : 03 : आत्मद्वन्द
महाभूत को मिलियन्स ऑफ गैलेक्सी में ले जाकर छोड़ने के बाद रक्षक की शक्तियां भी क्षीण होने लगी। तभी वहां एक नीला पल्सर तारा आया जो तेज़ गति से रक्षक को अपनी ओर खींचते हुए ले गया। “ हज़ारो सूर्यो की ऊष्मा को एक साथ झेल पाना कोई बच्चो का खेल नही”, यूनिक ने जैसे ही सबको मिलियन्स ऑफ गैलेक्सी के बारे में बताया सब रक्षक के लिए परेशान हो गए। 4J ने उसे लेने जाने का निर्णय किया पर करोड़ो प्रकाशवर्ष दूर जाने में समय तो लगता ही है। अभी ये सब जाने की तैयारी कर ही रहे थे कि एक नीला लाल पिंड आकाश से धरती की ओर जलते हुए तेज़ गति से आता दिखा धरती पर तेज़ गति से धड़ाम के साथ टकराया। थोड़ी देर बाद सब शांत हो गया, रक्षक वहां आ चुका था।
"रक्षक!" - सब ने उसे आवाज लगाई।
"हूँ!" - मुस्कुराते हुए रक्षक बोला। "क्या हम जीत गए?"
"पता नही रक्षक! अभी इन जैसे करोड़ो महाबलशाली प्राणी हैं अंधेरे के पास।" - यूनिक बोला।
"तुम्हें क्या लगता है? अभी कौन आ रहा होगा?" - रक्षक लंबी साँस लेते हुए बोला।
"मेरे विचार से अभी तमसा ही आएगी?" - जैक बोला।
"हाँ! एक सवाल और…" - जय बोला।
"क्या? मुझे भी कई पूछने है।" - रक्षक पास आकर बैठते हुए बोला। यूनिक ने वहां सबको बैठने के लिए सिनेमाघरों की तरह कुर्सियां लगा दी थी, जहां सब आराम से बैठकर मरहम-पट्टी और आने वाले युद्ध की चर्चा कर रहे थे।
"तुम्हें मिलियन ऑफ गैलेक्सी का पता किसने दिया? उसके बारे में तुम्हे पता कैसे चला? और सबसे बड़ा इत्तेफाक यह है कि तुम वहां से जीवित वापस आ गए, वहां के सूर्यो की सम्मिलित शक्ति किसी आकाशगंगा को भी निगल सकती है।
"मुझे माँ ने बताया!" - रक्षक क्षण भर ठहर कर बोला "और मेरा सवाल भी यही है कि मेरी माँ कहाँ है? गुरुजी ने कहा था वो अंधेरे की कैद में है! फिर पिताजी ने उन्हें छुड़ाया क्यों नही? उन्हें मिलियन ऑफ गैलेक्सी के बारे में कैसे पता था? उन्हें ये कैसे पता कि मैं जिससे लड़ रहा हूँ उसके पास डैथस्टोन है? और धरती पर मेरी जगह राज नाम का कौन है?" - अब रक्षक सवालों की झड़ी लगा चुका था।
"यह तो हमे भी नही पता तुम्हारी माँ कौन हैं, हमने उन्हें कभी देखा नही, वो ये सब कैसे जानती है ये तो वही जाने! तुम्हारे पिता हर बार उन्हें ढूंढ़ने की कोशिश किये पर अंधेरे में परमशक्तिज्ञान की शक्तियां क्षीण हो जाती है इसी आधार पर गुरुदेव ने निष्कर्ष निकाला कि वो अंधेरे के कैद में हैं।" - जैक बोला।
"और धरती पर हमने तुम्हारे 'कर्म' रूप को ढूंढकर राज की स्मृतियां देकर राज बना दिया, जिसके बाद कर्म अपनी शक्तियों से राज को सामान्य मानव रूप और उसकी सभी स्मृतियां देकर तुममें सम्मिलित हो गया, कर्म के इस शक्ति के बारे में हम जानते थे। राज और रक्षक दोनो का अस्तित्व बना रहे इसलिए हमने ऐसा कदम उठाया।" - जॉर्ज बोला।
"और दुबारा धरती पर जाकर यह टपोरियों की भाषा सीख गया!" - जीवन, यूनिक की तरफ इशारा करके हंसते हुए बोला।
"उसके लिए धरती पर जाने की क्या जरूरत! वो तो तुमसे भी सीख सकता है।" - जैक बोला, जिसे सुनकर जीवन उसे घूरकर देखने लगा।
"क्यों न हम आने वाले समय के लिए तैयारी करें।" - जय सभी से बोला। "यूनिक तुम्हे जेन्डोर के क्रोड को बांधकर रखना होगा, इसमें हम सब तुम्हारी सहायता करेंगे।
"ये कार्य तो मैं आसानी से कर सकता हूँ! मैं अभी करके आता हूँ।" - रक्षक बोला।
"नही रक्षक! इससे तुम्हारी शक्तियों का बहुत बड़ा भाग नष्ट हो जाएगा, शत्रु इसका लाभ उठा सकता है इसलिए तुम युद्ध की तैयारी करो हम जल्द आते हैं, तुम्हारे सभी सवालों का जवाब तुम्हे दिया जाएगा।" - जय समझाते हुए बोला।
यूनिक और 4J जेन्डोर के क्रोड को ठीक करने चले जाते हैं, रक्षक, अर्थ और बाकी के सैनिक, सेनापति सब युद्ध की तैयारियां एवं अपनी अपनी शक्ति और हथियारों का विस्तार करने लगते हैं।
कही और……
"तुमने ऐसा क्यों किया तमसा!?" - तमस आज बड़े क्रोध में लग रहा था, वो तमसा पर गुस्से बिफर पड़ा।
"तुमने मेरे सामने कोई रास्ता नही छोड़ा भाई! वह अपना रास्ता तय कर चुका है, उसे अब कोई नही बदल सकता।" - तमसा बोली, उसकी बड़ी काली आँखों मे आँसू थे। "सदियों से तुमने सिर्फ मेरा उपयोग किया है, अब और नही भाई! अब और नही! कम से कम इस बार तो नही।" - कहते हुए तमसा के चेहरे के भाव कठोर हो गए।
"अब उसका मरना तो तय है। मुझे कोई नही रोक सकता! और तुम्ही सोचो तुम्हे इस रूप में कौन स्वीकारेगा?" - तमस बोला।
"इससे अब क्या फर्क पड़ता है भाई! मुझे जो करना है वो मैंने चुन लिया है।" - तमसा अड़िग भाव लिए बोली।
"मैं उस बार लहू से अच्छे से लड़ नही पाया था, पर इस बार मेरी शक्तियों के सामने कोई नही ठहर सकता।" - तमस अपने ठोस रूप में आते हुए बोला। काला शरीर जैसे स्वयं काल हो, बहुत ही शानदार ऑर्मर जिसमें नीली काली धातुओं का प्रयोग किया गया था। आंखे बड़ी बड़ी लाल लाल, दोनो हाथ दहकते भट्टी की भांति थे, चेहरे पर भाव इतना सब हो जाने के बाद भी सामान्य ही थे, रंग भूरा काला जैसे अंधेरे को काजल के साथ राख में मिलाकर बनाया गया हो।
"अब तमस से स्वयं को बचा कर दिखाना बच्चे!" - तमस दहाड़ते हुए बोला, उसके हाथों के अंधेरे की दिव्य शक्तियों को रखने वाला अस्त्र द्विशूल (त्रिशूल जैसा अस्त्र जिसमे बस दो ही शूल होते हैं) था जिसके वहां होने से वह स्थान बहुत डरावना प्रतीत हो रहा था।
……………………..
4J और यूनिक अभी जेन्डोर के क्रोड को जोड़कर वापस नही आये थे। अचानक ही युद्धक्षेत्र की धरती हिलने-डुलने लगी, पूरे क्षेत्र में मनहूसियत फैलने लगी। उजाले के सैनिक खुद को अपने नियंत्रण में रखने की कोशिश करते पर धीरे धीरे उस मनहूस ताक़त के सामने सबने घुटने टेक दिए, रक्षक अर्थ के पास बैठकर बातें कर रहा था कि तभी कुछ अत्याप्राशित घटा। अर्थ ने अपनी तलवार उठाकर रक्षक के गले मे घुसा दिया, रक्षक को कुछ समझ नही आया।
सारे सैनिक आपस मे मार काट करने लगे। सब एक दूसरे के जान के दुश्मन बन हुए थे। तलवार रक्षक के गर्दन में थोड़ी सी जाने के बाद टूट गयी, जिसे रक्षक बड़ी मुश्किल से निकाल पाया।
सारे सैनिक पागलो की तरह व्यवहार करने लगे थे। रक्षक कुछ समझ भी नही पा रहा था कि इन्हें कैसे रोके। अर्थ उसपर लगातार वार किए जा रहा था रक्षक खुद के बचाव के अलावा कुछ भी नही कर पा रहा था। अभी कुछ समय तो जो उसके अपने साथी थे उनको क्या हुआ जो उसी के खून के प्यासे हो गए।
आपस में लड़ रहे सारे सैनिक अब रक्षक की ओर बढ़े, रक्षक कुछ दूर हवा में उड़ता हुआ गया, पर अचानक ही वह गिर गया, उसे महसूस हुआ वहां कोई अदृश्य शक्ति भी है, जिसकी वजह से उन सैनिको का यह हाल हुआ है, और यह अंधेरे की ही शक्ति है पर यह अभी तक लड़ी गयी शक्तियों से भी बड़ी महाशक्ति है।
रक्षक कुछ भी समझ नही पा रहा था। 4J और यूनिक भी उसके साथ नही थे। होते तो शायद वो भी उसके जान के दुश्मन बन हुए होते। रक्षक तेज़ गति से दौड़ना आरंभ किया पर कुछ दूर जाकर पुनः किसी अदृश्य दीवार से टकराया।
रक्षक फिर उठकर, दीवार के चारो तरफ होने का अनुमान लगाकर तेज़ गति से दौड़ते हुए, सभी को धक्का देकर नीचे गिरा दिया, वो किसी को भी हानि नही पहुँचाना चाहता था पर वो सब रक्षक के लहू के प्यासे बन चुके थे। रक्षक ने अदृश्य होने की कोशिश की पर वह शक्ति उसे अदृश्य होने से भी रोक रही थी। सैनिको की इतनी बड़ी भीड़ के सामने एक अकेला रक्षक! जो उनका ही रक्षक है, अजीब कसमकश में उलझा हुआ था कि वो क्या करे? खुद को बचाना तो आसान है पर उनको कैसे बचाये जिनका वो रक्षक है। आखिर इन सबको हुआ क्या?
रक्षक के शरीर पर जख्मो का ढेर लगता जा रहा था। धीरे-धीरे उसका क्रोध भी बढ़ रहा था। अब तक संयम खुद को संयमित करने करने की कोशिश कर रहा था पर क्रोध बढ़ता चला गया। उसकी आंखें लाल हो गयी, हाथ में तलवार आ गयी।
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क्रमशः………….
Hayati ansari
29-Nov-2021 09:58 AM
Nice
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Niraj Pandey
08-Oct-2021 04:19 PM
बहुत ही बेहतरीन भाग👌
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मनोज कुमार "MJ"
11-Oct-2021 06:59 AM
Thank you
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Seema Priyadarshini sahay
05-Oct-2021 12:21 PM
बेहतरीन
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मनोज कुमार "MJ"
11-Oct-2021 06:59 AM
Thanks
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